धरती
दूर से ऐसे
खींचती है
जैसे मेरे बिना
उसे एक पल चैन नहीं
पास आते ही
अपने आवरण में
जला कर ख़ाक कर देती है
शमा
नीले रंग की भी होती है
पता न था
राहुल उपाध्याय । 6 जुलाई 2022 । बनारस
धरती
दूर से ऐसे
खींचती है
जैसे मेरे बिना
उसे एक पल चैन नहीं
पास आते ही
अपने आवरण में
जला कर ख़ाक कर देती है
शमा
नीले रंग की भी होती है
पता न था
राहुल उपाध्याय । 6 जुलाई 2022 । बनारस
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