आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर दिमाग़ में
सबको मालूम है और सबको खबर हो गई
क्या हुआ क्यों हुआ ये कहाँ है खबर
सारा का सारा शहर हुआ दुश्मन मगर
ना ही लैला ना ही मजनू ना ही शीरी-फ़रहाद हम
फिर भी क्यूँ तरसे हैं दरस को एक दूजे के हम
प्यार की एक मिठास, प्यार की एक गंध
है बहुत अब चाहे हो जाए ज़िन्दगी का भी अंत
राहुल उपाध्याय । 30 जुलाई 2022 । मनौरी (उत्तर प्रदेश)
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