अभी
सैलाना की बस के इंतज़ार में
चौराहे पर खड़े
मैंने कई दुपहिया वाहन देखें
सौ तक तो गिने भी
चालक-यात्री-बच्चा-बूढ़ा-पुरूष-महिला
किसी ने हेलमेट नहीं पहन रखा था
या तो ये सब निर्भीक हैं
या अनजान हैं
इन्हीं में
इनके शिक्षक
अग्रज
मार्गदर्शक भी होंगे
कोई किसे क्या समझाएगा
कोई किसी से क्या समझेगा
सब अग्निवीर हैं
राहुल उपाध्याय । 1 जुलाई 2022 । रतलाम
पुनश्च: इस शहर में हेलमेट बिकते हैं, बिक भी रहे हैं
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