बेक़ाबू मेरे दिल की ज़ुबान है
ये चल दे तो आग लगा दे
राख बना के रख दे सब कुछ
जीवन जैसे इक आईना
दोष दिखाए ख़ुद का जो ना
आस-पड़ोस में दुश्मन देखें
रंग किसी का ख़ुद को जंचे ना
हम ही अच्छे, हम ही महान है
आज का बालक, कल का युवा
सोच रहा है, कल क्या होगा
देश चलेगा, देश जलेगा
या इतिहास एक रचेगा
मन ही मन वो करता गुमान है
राहुल उपाध्याय । 7 जुलाई 2022 । सिएटल
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