तेरा-मेरा मेल न था
न थी कोई ख़ास वजह
अपनी फ़ितरत ही कुछ ऐसी थी
के प्यार हो ही गया
तू है तारों की चमक
मैं हूँ कालिख मगर
तू है फूलों की महक
मैं हूँ इक ख़ाक मगर
न किया दान कोई
न मिला वरदान मगर
तूने क्या देख लिया
कि तू मेरे साथ हुई
मुझमें क्या है जो के
मेरी कायनात हुई
तू ही है ख़ास वजह
तूने ही किया ये करम
राहुल उपाध्याय । 30 जुलाई 2022 । खागा (उत्तर प्रदेश)
0 comments:
Post a Comment