ये जो मोदी हैं, ये उनका है नाम
काले धन का जो, बस लेते हुए नाम
मर जाएं, मिट जाएं, हो जाएं बदनाम
रहने दो छोड़ो भी जाने दो यार
हम ना करेंगे वार
टूटे अगर सागर नया सागर कोई ले ले
रूठे अगर आई-टी वाले किसी को न छोड़े
रैड पड़ जाए तो क्या हो अंजाम
आँखें किसी से न उलझ जाए मैं डरता हूँ
यारों बैंकों की गली से मैं गुज़रता हूँ
बस दूर ही से कर के सलाम
(आनन्द बक्षी से क्षमायाचना सहित)
15 दिसम्बर 2016
सिएटल | 425-445-0827
tinyurl.com/rahulpoems
0 comments:
Post a Comment