मेरी आँखों में कोई सोता तो क्या होता?
उसकी जम्हाइयाँ पलकों को जगा देतीं
उसके खर्राटे भौंहों को हिला देते
उसकी अँगड़ाइयाँ पलकों पे चोट करती
पर सुकून तो होता कि कोई सोता तो है
प्रसव वेदना का तो मुझे अहसास नहीं
गर्भधारण का तो मुझको इल्म होता
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मेरे दिल में भी अब कोई कहाँ रह गया
जबसे देखा है विडियो
बस एक पम्प रह गया
न जाने कितनी
सहेजी थीं बातें
फ़साने दीवाने
अधबुने से गाने
कोई गुमनाम चेहरा
एक हसीं मुलाक़ात
किसी कंगन की खनक
किसी पायल की आवाज़
किसी की उन्मुक्त हँसी
किसी के घूँघट की आड़
सब के सब
यूँ हवा हो गए
बहुत खोजा
मगर न जाने कहाँ खो गए
ये जो लोग बनाते हैं
दिल
लाल ल अक्षर सा प्यारा
उन्होंने ही शुरू से सारा खेल बिगाड़ा
पहले ही विडियो दिखाया जो होता
तो आज नहीं होता यूँ बेसहारा
विज्ञान ने दिखा कर मेरे अंदर का सच
मेरे ही अन्तरमन को बड़ी बेदर्दी से मारा
सच पहले से पता हो तो लगता है ठीक
बाद में पता चले तो होता है नुक़सान
अच्छा ही हुआ चीर के दिल किसी को न दिखाया
वरना नाहक ही झूठा साबित मैं होता
न दिलबर होता, न दिलबर की तस्वीर होती
न ईश्वर होता, न ईश्वर की प्रतिमा ही होती
खून से लथपथ एक लम्प होता
खून में लथपथ एक पम्प होता
मेरे दिल में भी अब कोई कहाँ रह गया
जबसे देखा है विडियो
बस एक पम्प रह गया
3 दिसम्बर 2016
सिएटल | 425-445-0827
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