Friday, February 11, 2022

धड़के हैं दिल में मेरे


धड़के हैं दिल में मेरे ख़्वाब बस तेरे-तेरे

बज भी जाए कभी साज़ ये मौन मेरे


आँख में आँसू भी थे भरे-भरे ख़्वाबों से पहले

अब गाते हैं कई गीत ये नित  शाम ढले

तुम ही रहते हो मुझे हर पल घेरे-घेरे


आग में तप के जैसे बनता खरा हो सोना 

वैसे ही ग़म का बादल बोए सपन सलोना 

मिल ही जाओगे कभी शाम को साथ मेरे


जब भी होता है दुखी मन पागल मेरा

तब ही आ जाए कहीं से ये आँचल तेरा

मेरे हर दु:ख में आए काम ख़्वाब मेरे 


राहुल उपाध्याय । 10 फ़रवरी 2022 । सिएटल 

https://youtu.be/kzOwW7_ijyg





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