Saturday, September 9, 2023

न जलता तो क्या होता

न जलता तो क्या होता

मोम से मैं भरा होता


मर-मिटना ही जीवन है

मुझको कब पता होता


जानता जो सच्चाई को

रस्मों से जुदा होता


होता न मासूम मैं

पर्दों में छुपा होता 


होश-ओ-हवास होते यदि

कहीं न मैं गया होता


सर पर बोझ कहाँ मेरे

होता तो क्या खड़ा होता


जानता कि जीवन समर है

कभी न मैं बड़ा होता


राहुल उपाध्याय । 9 सितम्बर 2023 । सिएटल 




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