Thursday, September 28, 2023

न सोए, न जागे, न तड़पे हैं हम

न सोए, न जागे, न तड़पे हैं हम

आधी रात को न करवट बदले हैं हम


रहे दूर सदा शोख़ चिंगारियों से हम

किसी के भी ग़म में न झुलसे हैं हम


कहाँ है, कहाँ है, कहाँ है वो मेरा

कह-कह के न पागल सा भटके हैं हम


उन्मुक्त गगन के पंछी हैं हम

दामन से लिपट के न रोए हैं हम


ये दुनिया है फ़ानी, ये दुनिया है जानी

सम्बन्धों से भी कस के न चिपके हैं हम


राहुल उपाध्याय । 29 सितम्बर 2023 । सिंगापुर 






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