Thursday, September 28, 2023

तुमसे मिले मानो ज़माना हुआ

तुमसे मिले मानो ज़माना हुआ 

जीवन घट के जैसे आधा हुआ 


चमन में, शहर में मिलते हैं फूल 

पर तुमसा न कोई हमारा हुआ


तुम न होते तो हम भी न होते 

एक तुम से ही जीवन गवारा हुआ 


ये घूमना-फिरना सब फ़िज़ूल है जानम

जब हाथ में न हाथ तुम्हारा हुआ 


मिलेंगे कभी ये उम्मीद है बाक़ी 

इतना भी ख़ुदगर्ज़ न ख़ुदाया हुआ 


राहुल उपाध्याय । 29 सितम्बर 2023 । सिंगापुर 







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