Wednesday, September 27, 2023

दुष्ट काली घटाएँ

दुष्ट काली घटाएँ 

मुझे परेशान करती हैं 

अच्छी-भली लड़की के

सोए अरमान जगाया करती हैं 


बैठी हूँ खिड़की पर

सब कुछ देखते हुए भी न देखते हुए 

खो जाती हूँ 

कच्ची उम्र में

बच्चों के झुण्ड में 

किशोरावस्था के युग में

साइकल पर

तो कभी पैदल

कभी कॉलेज 

तो कभी स्कूल 

आज़ाद थी

आज़ाद हूँ 

पर ख़ुद की ही उधेड़बुन में 

ख़ुद को पाती क़ैद हूँ 


दिन-दिवस-सुबह-दोपहर-शाम-सहर-रात-निशा

हज़ारों नाम हैं इस जेल के 

धड़कनों की घुटन है

साँसों के इस जाल में


दुष्ट काली घटाओं 

क्या रिश्ता है मेरा तुमसे 

क्यूँ चली आती हो

मुझे मेरी विवशता जताने

मुझे मेरे सपने दिखाने

मुझे फिर से मारने

मुझे फिर से जिलाने 


बूँदें बरसे

तो कुछ राहत मिले


राहुल उपाध्याय । 27 सितम्बर 2023 । अमेरिका से सिंगापुर की 16 घंटे की फ़्लाइट में 









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