बात किए
छ: घण्टे गुज़र जाए
और बात न हो
पिंग का जवाब न मिले
तो ग़ुस्सा करती है
फिर उदास होती है
फिर चिन्ता करती है
फिर ख़ुद ही फ़ोन कर देती है
‘सब ठीक तो है?’
और सब ठीक हो तो
फिर ख़ैर नहीं
राहुल उपाध्याय । 23 जनवरी 2021 । सिएटल
बात किए
छ: घण्टे गुज़र जाए
और बात न हो
पिंग का जवाब न मिले
तो ग़ुस्सा करती है
फिर उदास होती है
फिर चिन्ता करती है
फिर ख़ुद ही फ़ोन कर देती है
‘सब ठीक तो है?’
और सब ठीक हो तो
फिर ख़ैर नहीं
राहुल उपाध्याय । 23 जनवरी 2021 । सिएटल
Posted by Rahul Upadhyaya at 1:54 PM
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Labels: valentine
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