पूरा गीत यहाँ देखें/सुनें:
पल-पल सब के साथ ख़ुशी रहती है
जीवन सुख की खान ये कहती है
हर शाम धरा पर नभ नूर बरसाए
हर सुबह सूरज की किरणें हर्षाए
हम सांस लेते हैं, खुशी साथ चलती है
हम नींद में होते हैं, ये साथ पलती है
सोए दिल की धड़कन भी ये गीत गाती है
जब जिसको चाहा है, कभी उसको पाया है
कभी जिसको चाहा है, नहीं उसको पाया है
जब ऐसा होता है, हम हँसते रहते हैं
जब वैसा होता है, हम रोने लगते हैं
जबकि बात सीधी ये खुशी साथ रहती है
कल दुख के बादल भी 'गर मंडराए तो
कल सुख के साधन भी 'गर छीन जाए तो
सोते-जागते तुम बस याद ये रखना
खुशी कल भी साथ थी, इसे कल भी है रहना
है खुशी वो ईंधन जिससे दुनिया चलती है
(राजिन्दर क्रृष्ण से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 3 जनवरी 2021 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment