तुम तोड़ चुके हो मर्यादा
सोच पाओ कभी तो रो लेना
इस दिल को तसल्ली क्या दोगे
पछताओ कभी तो रो लेना
एक ख़्वाब सा देखा था हमने
जब वार हुआ वो टूट गया
जिस दिन तुम कुछ अपना खोओ
दुख पाओ कभी तो रो लेना
जीवन के सफ़र में बुराई
पीछा न तुम्हारा छोड़ेगी
संगत का चयन ऐ राह भटके
न कर पाओ कभी तो रो लेना
(इंदीवर से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 27 जनवरी 2021 । सिएटल
1 comments:
सच जब कोई अपना कुछ खोता है तो उसे क्या दर्द होता है उसके जैसा भुक्तभोगी ही समझ सकता है
बहुत अच्छी प्रस्तुति
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