Saturday, June 12, 2021

स्टूडेंट ड्राइवर

सारी सद्भावनाएँ हवा हो जाती हैं

जब पाता हूँ बी-एम-डबल्यू के पीछे 

स्टूडेंट ड्राइवर लिखा


कि कोई कैसे बिना पढ़े-लिखे

इतना सब कुछ पा जाता है 


मन जल-भुन कर राख हो जाता है 

धूँ-धूँ कर के धुआँ उगलता है


कहाँ जाकर अपना सर फोड़ूँ?

कहाँ जाकर नारे लगाऊँ?

किसे दोषी ठहराऊँ?


ज्ञान मुझमें भी है 

(बिन गीता पढ़े)

कि परिश्रम करो

फल मिलेगा 


इस ज्ञान का क्या करूँ?

अचार डालूँ?

जबकि दिख रही हैं मुझे चारों ओर

विषमताएँ


क्या रिक्शा वाला मेहनत नहीं कर रहा?

क्या कचरा ढोने वाला मेहनत नहीं कर रहा?


अब कोई मुझे लेक्चर मत देना

(उसे तो किसी ने नहीं दिया)

कि पूरी गीता पढ़ो 

(उसने तो नहीं पढ़ी)

तब समझोगे


क्योंकि मुझे समझना नहीं है


मुझे भी वैसी ही

चमचमाती हुई

नई की नई 

बी-एम-डबल्यू चाहिए 


राहुल उपाध्याय । 12 जून 2021 । सिएटल 









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