Saturday, June 5, 2021

चाकू

अब जब घर में एक ही चाकू रह गया है

वह

आसानी से मिल जाता है

खोता नहीं 

साफ़ रहता है

चमचमाता हुआ

मेरा मूड भी ठीक रहता है

कोई झुँझलाहट नहीं 

खाना भी प्रेम से बनता है

प्रेम से खाता भी हूँ 


एक से ज़्यादा चाकू क्यों चाहिए? 

बड़ा, छोटा, सब तो कट जाता है

बड़े कद्दू से लेकर

छोटी मिर्च तक 

जितनी भी सब्ज़ियाँ हैं सब की सब

लौकी, बैंगन, गोभी, टिण्डा

भिण्डी, करेला, फली, पालक

मैथी, मूली, खीरा, टमाटर 


और क्या काटना है?

जीवन?


वह न कटे तो ही अच्छा है


उसे जीना है

और जी रहा हूँ 


राहुल उपाध्याय । 5 जून 2021 । सिएटल 


इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: