दिन भर पानी तक न पी कर
वह देख रही है चाँद की राह
तश्तरी में
काजू-बादाम-खीरा-पापड़
सजाने के बाद
क्योंकि
पति पी नहीं सकता
वोदका
बिन चखने के साथ
आस्थाएँ
क्या कुछ नहीं करवा लेती हैं
हमसे
कोरोना तो
आ के चला भी जाएगा
राहुल उपाध्याय । 2 जून 2021 । सिएटल
दिन भर पानी तक न पी कर
वह देख रही है चाँद की राह
तश्तरी में
काजू-बादाम-खीरा-पापड़
सजाने के बाद
क्योंकि
पति पी नहीं सकता
वोदका
बिन चखने के साथ
आस्थाएँ
क्या कुछ नहीं करवा लेती हैं
हमसे
कोरोना तो
आ के चला भी जाएगा
राहुल उपाध्याय । 2 जून 2021 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment