Wednesday, June 2, 2021

आस्थाएँ

दिन भर पानी तक न पी कर

वह देख रही है चाँद की राह

तश्तरी में 

काजू-बादाम-खीरा-पापड़

सजाने के बाद

क्योंकि 

पति पी नहीं सकता

वोदका

बिन चखने के साथ 


आस्थाएँ 

क्या कुछ नहीं करवा लेती हैं 

हमसे


कोरोना तो

आ के चला भी जाएगा 


राहुल उपाध्याय । 2 जून 2021 । सिएटल 



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