Sunday, June 27, 2021

पता होता

पता होता 

कि तुम मिलोगी

तो

वही शर्ट पहनता 

जो तुम्हें पसन्द है 

तीन दिन 

खाना नहीं खाता

ताकि पेट निकला न होता


वही सब करता 

जिनसे तुम्हें लगता 

कि मैं उसी परिपाटी पर

चल रहा हूँ 

जो तुमने बनाई थी


तुम मिलकर भी न मिली


तुम्हारी चमक-दमक ही इतनी है 

कि जुगनू तुम्हें क्या समझ आए


मैं हमेशा की तरह

ख़ाली हाथ लौटा

ऐसे जैसे

कोई जग छोड़े 

अपनी अंत्येष्टि के बाद


राहुल उपाध्याय । 27 जून 2021 । सिएटल 





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