Wednesday, June 16, 2021

वो अकेली हो गई

मैं तीन घंटे ग़ायब क्या हुआ

वो अकेली हो गई 

इन्टरनेट

व्हाट्सैप

इन्स्टाग्राम

यूट्यूब 

सब कुछ होते हुए भी

अकेली हो गई 


कितनी ख़ुशी की बात है 

कि कोई मेरी याद में

इतना दुखी हो जाए

कि

मोटी-मोटी आँखों में

आँसू भर ले

मोती जैसे दाँत 

गिरवी रख दे

मेरे होने न होने से

उसे फ़र्क़ पड़े


मेरा तो आज जैसे

दिन ही बन गया


दुखी हुई वो तो

दुखी मैं भी हूँ 

पर रिश्ते की मज़बूती का

जश्न भी तो है


चाहता हूँ कि

ऐसे दिन और आए

बिन आँसू लाए

मुझे वो मेरी है बता जाए


राहुल उपाध्याय । 16 जून 2021 । सिएटल 





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