Thursday, June 10, 2021

गीत ना बना रे मन का

https://youtu.be/8VaMlSTO5YE


गीत ना बना रे मन का

गीत लिखन का करूँ क्या उपाय


चैन नहीं बाहर, चैन नहीं घर में

जब न हो कोई सबब कहूँ किस पर मैं

उसको ढूँढा, हर नगर में, हर डगर में

गली गली देखा नयन उठाय


रोज़ मैं अपने ही आप को समझाऊँ

बन नहीं पाएगा, मान नहीं पाऊँ

भोर ही से एक आशा मैं लगाऊँ

फिर वही आशा दूँ मैं मिटाय


देर से मन मेरा आस लिये डोले

प्रीत भरी बानी गीत में दूँ घोले

कोई पंक्ति बात ढंग की भी न बोले

लाख तराने दूँ मैं बनाय


(मजरूह से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 7 जून 2021 । सिएटल 


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