Friday, November 3, 2023

ख़ौफ़ है कि

ख़ौफ़ है कि 

वह कमसीन है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि

उसका परिवार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि 

वह सत्तर पार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि 

वह बीमार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि

उस पे उधार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि

वह बेरोज़गार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि

वो दिलदार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि

होनी हार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है कि

पड़नी मार है

तो तुम्हें प्यार है नहीं 


ख़ौफ़ है

चूँकि 

तजुर्बों का भार है

जो देते ये उतार हैं

उनकी सीमा ही अपार है


राहुल उपाध्याय । 4 नवम्बर 2023 । सिंगापुर 

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