टूटा दिल जुड़ रहा है
आई फिर से जवानी
दिल जो इश्क़ भूल चुका था
कर रहा फिर से हाँ जी
जाने क्यूँ मुझको मिला
एक इंसान भला
जिसमें हैं हुस्न हज़ार
और अदाएँ बला की
आओ फिर लौट चले
सोलह-सत्रह की आयु
जिसमें थी इक आस बहुत
साथ में कोई कहाँ थी
दर्जनों बार हुआ है
प्यार में धोखा फिर भी
करते हम और रहेंगे
इश्क़ नेमत है ख़ुदा की
इससे हो या उससे
फ़र्क़ कोई नहीं है
जिस्म की बात नहीं है
बात ये दिल की रूहानी
राहुल उपाध्याय । 15 नवम्बर 2023 । रीवा
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