इकतालीस को ताली मिले
भूखों को फ़्री राशन
मेहनत-मजूरी जो करे
पा रहे भाषण
हाथ में तेरे क्या नहीं
तू मिट्टी को सोना कर दे
गगन चीर दे, बाँध बाँध दे
मरूथल में गंगा भर दे
बाल-बच्चों को भेज पाए
ऐसे स्कूल की फ़ीस नहीं है
पीने को पानी नहीं दिन भर
संकट बिजली का आज वही है
एक हादसा, एक वारदात
इसके पीछे टीआरपी बड़ी हैं
मरने वाले रोज़ हैं मरते
उनके दु:ख की किसको पड़ी है
आओ चलो हम जय भारत बोलें
इक-दूजे की पीठ थपथपाए
कभी टनल, कभी चन्द्रयान
इन सबकी हम जीत जताए
टी-ट्वेंटी के चौके-छक्के
चप्पे-चप्पे में उत्साह भर दे
पठान-जवान-टाइगर सारे
मुर्दों को भी ज़िन्दा कर दे
कहाँ दुःख है, कोई हमें बताए
जय जय जय हर आँगन बोले
तुलसी बिारवा एक है काफ़ी
पिला दो इसे चाय में घोले
हर रोग का इलाज यही है
इससे बड़ा कोई उपाय नहीं है
हम विश्व गुरू हैं, हम सब जानते
ये ऐसी-वैसी राय नहीं है
राहुल उपाध्याय । 29 नवम्बर 2023 । सिंगापुर
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