वह रोज़ व्हाट्सएप पर
मुझे
गुड मॉर्निंग कहती है
गुड नाइट कहती हैं
कभी-कभी कुछ पूछ भी लेती है
कैसे हो?
क्या कर रहे हो?
खाना खा लिया?
स्टेटस टटोलती है
उसमें मुझको खोजती है
मेरी हँसी पे निछावर हो
कुछ इमोजी भेजती है
हम न आशिक़-माशूक़ हैं
मिले कहीं दो सयाने हैं
इक दूजे को थोड़ा जानते हैं
थोड़ा और जानना चाहते हैं
यही तो ज़िन्दगानी है
किसी के दिल में घुस जाओ
किसी के दिल में बस जाओ
चार पल को ही सही
किसी को याद तो आओ
राहुल उपाध्याय । 30 नवम्बर 2023 । सिंगापुर
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