आज पहली बार
दीवार से पीठ लगाकर
जीन्स पहनी
तब जा के समझ में आया कि
मैं साठ का हो गया हूँ
आज सूटकेस लेकर
सीड़ियाँ उतरते वक्त
दूसरे हाथ से
रेलिंग पकड़ रहा था
तब जा के समझ में आया कि
मैं साठ का हो गया हूँ
आज दाड़ी बनाते वक्त
लगा कि बाल कुछ
कम उग रहे हैं
तब जा के समझ में आया कि
मैं साठ का हो गया हूँ
ख़ुशी इस बात की है कि मैं
आज भी जीन्स पहन रहा हूँ
अपना सामान ख़ुद उठा रहा हूँ
अपनी दाड़ी अपनेआप बना रहा हूँ
राहुल उपाध्याय । 25 नवम्बर 2023 । दिल्ली
1 comments:
Especially liked the last stanza. Happy Birthday!
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