Monday, November 6, 2023

दर्द मीठे, ख़ुशियाँ नमकीन

दर्द मीठे, ख़ुशियाँ नमकीन 

होती हैं ये माने कौन

घर-घर में है वही प्रणाली 

नई प्रणाली लाए कौन


हम तुम होते एक जैसे

फिर ना कोई चाहत होती

तेरे-मेरे भेद हैं प्यारे 

इनसे प्यारे धागे कौन


जो तुम में है, वो मुझ में है

जो इसमें है, वो उसमें है

समंदर-दरिया-ताल-तलैया

सब में जल है, प्यासे कौन


भीगे-भीगे नैन हैं प्यारे

अधरों की मुस्कानें भी

सबसे मेरा एक सा नाता

अपनों को समझाए कौन 


आते-जाते मौसम प्यारे

उगते-डूबते तारे भी

सबका अपना अस्त-उदय है

उम्र सबकी नापे कौन


राहुल उपाध्याय । 7 नवम्बर 2023 । सिंगापुर 

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