तबियत बिगड़ गई है तो डाँटते नहीं
त्रुटियाँ हों लाख मगर जाँचते नहीं
यूँ तो कई हैं मार्ग सितारों के सामने
गुज़रे वो मेरे घर से वो चाहते नहीं
मैंने भी की थी मौज बहुत उनके साथ में
अब और बात है कि वो पहचानते नहीं
हुस्न ही नहीं है प्यार भी घटता है साहिबो
बस फ़र्क़ यही है कि हम नापते नहीं
धरती पे छाई चाँदनी ये कैसी बात है
चंदा बिना हो चाँदनी हम मानते नहीं
राहुल उपाध्याय । 25 नवम्बर 2023 । सिंगापुर
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