Monday, November 20, 2023

कोई मंजर दिल को छू पाता नहीं

कोई मंजर दिल को छू पाता नहीं 

बेखुदी में भी वतन भाता नहीं 


जो था हाल है वही दशकों के बाद

कैसे कह दूँ गाँव से जी घबराता नहीं 


कल जो दौड़े थे शहर से गाँव को

उनको सुख कोई नज़र आता नहीं 


चल दिया था छोड़ के जिस देश को

उससे अब मेरा कोई नाता नहीं 


राहुल उपाध्याय । 20 नवम्बर 2023 । लखनऊ 


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