हो धूप या बारिश या बर्फ़
सबसे बचाया तूने
मेरे बच्चों को स्कूल
पहुँचाया तूने
मेरे बेटे को लाइसेंस
दिलाया तूने
अच्छे-बुरे हर बोझ को
उठाया तूने
ऊँचे-नीचे, टेढ़े-मेढ़े, कच्चे-पक्के रास्तों को
सुगम बनाया तूने
मैं तूझे बेच पाता कैसे
दुनिया भर की अच्छी-बुरी खबरेँ
सुनाई तूने
पीटर सेगल के फ़ट्टे
सुनाए तूने
कार-टॉक के ठहाके
गूँजे तूझमें
कभी किशोर तो कभी लता के नगमे
सुनाए तूने
मैं तूझे बेच पाता कैसे
ओ
मेरे हाथों से
मेरी आंख़ों से
मेरी यादों से
जुड़ी मलिका
मैं तुझे बेच पाता कैसे
सो तूझे एन-पी-आर को दान दे आया हूँ
ऐसा लगता है कि
किसी अपने को
हमेशा-हमेशा के लिए
छोड़ आया हूँ
तेरी एक चाबी
मेरे बेटे के की-चैन में
गलती से रह गई है
उसे छू कर मैं तेरा भरम कर लूँगा
और तेरे न होने के ग़म को भूला दूँगा
शायद ये गलती नहीं थी
तेरी ही सोच थी
कि तू मेरे हाथ कोई निशानी छोड़ जाए
11 सितम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798
सबसे बचाया तूने
मेरे बच्चों को स्कूल
पहुँचाया तूने
मेरे बेटे को लाइसेंस
दिलाया तूने
अच्छे-बुरे हर बोझ को
उठाया तूने
ऊँचे-नीचे, टेढ़े-मेढ़े, कच्चे-पक्के रास्तों को
सुगम बनाया तूने
मैं तूझे बेच पाता कैसे
दुनिया भर की अच्छी-बुरी खबरेँ
सुनाई तूने
पीटर सेगल के फ़ट्टे
सुनाए तूने
कार-टॉक के ठहाके
गूँजे तूझमें
कभी किशोर तो कभी लता के नगमे
सुनाए तूने
मैं तूझे बेच पाता कैसे
ओ
मेरे हाथों से
मेरी आंख़ों से
मेरी यादों से
जुड़ी मलिका
मैं तुझे बेच पाता कैसे
सो तूझे एन-पी-आर को दान दे आया हूँ
ऐसा लगता है कि
किसी अपने को
हमेशा-हमेशा के लिए
छोड़ आया हूँ
तेरी एक चाबी
मेरे बेटे के की-चैन में
गलती से रह गई है
उसे छू कर मैं तेरा भरम कर लूँगा
और तेरे न होने के ग़म को भूला दूँगा
शायद ये गलती नहीं थी
तेरी ही सोच थी
कि तू मेरे हाथ कोई निशानी छोड़ जाए
11 सितम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798
1 comments:
कविता funny भी है और sentimental भी। जिस के साथ इतनी प्यारी यादें जुडी हों - जिसमें पहली बार हम अपने बच्चे को hospital से घर लाये हों, जिस पर chains लगाकर हम बर्फ में भी grocery लाये हों, जिसने accident में खुद चोट खाकर हमें बचाया हो, जिसने दो-घड़ी अकेले में रोने के लिए हमें जगह दी हो - उसे छोड़ना आसान नहीं है चाहे हम कितना भी अपने दिल को समझा लें कि "जो जन्मता है, वो मरता है; जो प्यारता है, वो ग़मता है..."
कविता का end मुझे सुन्दर और comforting लगा:
"शायद ये गलती नहीं थी
तेरी ही सोच थी
कि तू मेरे हाथ कोई निशानी छोड़ जाए"
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