सुबह और शाम
काम ही काम
क्यों नहीं लेते पिया
काम का नाम?
काम के लिए तो
मैं सदा हूँ तत्पर
पर गीता ने
कुछ कहा है प्रियवर
काम ही करेगा मेरा
काम तमाम
इसलिए नहीं लेता
काम का नाम
अरे!
वेक्यूम मारो, कपड़े धोओ
घास छीलो, बर्तन मांजो
काम के अलावा भी
कुछ होते हैं काम
क्यों नहीं लेते पिया
उनका नाम?
काम करके कोई
कहाँ बना है अफ़सर
काम करने वाले
रहें कर्मचारी अक्सर
काम जो न करे उसका मनमोहन है नाम
इसलिए नहीं करता मैं काम तमाम
(एम. जी. हशमत से क्षमायाचना सहित)
8 सितम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798
काम ही काम
क्यों नहीं लेते पिया
काम का नाम?
काम के लिए तो
मैं सदा हूँ तत्पर
पर गीता ने
कुछ कहा है प्रियवर
काम ही करेगा मेरा
काम तमाम
इसलिए नहीं लेता
काम का नाम
अरे!
वेक्यूम मारो, कपड़े धोओ
घास छीलो, बर्तन मांजो
काम के अलावा भी
कुछ होते हैं काम
क्यों नहीं लेते पिया
उनका नाम?
काम करके कोई
कहाँ बना है अफ़सर
काम करने वाले
रहें कर्मचारी अक्सर
काम जो न करे उसका मनमोहन है नाम
इसलिए नहीं करता मैं काम तमाम
(एम. जी. हशमत से क्षमायाचना सहित)
8 सितम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798
3 comments:
बहुत मज़ेदार कविता है!:) काम न करने के reasons बढ़िया हैं: गीता में लिखा है, काम करने वाले कर्मचारी रह जाते हैं - और सबसे बढ़िया - मनमोहन भी तो काम नहीं करते तो मैं क्यूँ करूँ?:)
वैसे राहुल, गीता में यह भी लिखा है कि काम करो पर फल की इच्छा मत करो - यानि vaccum करो, बर्तन धोओ, घास काटो - कर्म करो - मगर तारीफ की इच्छा मत करो। :)
Very, very, very... funny! :)
very nice....
सुंदर प्रस्तुति,आप को गणेश चतुर्थी पर मेरी हार्दिक शुभकामनायें ,श्री गणेश भगवान से मेरी प्रार्थना है कि वे आप के सम्पुर्ण दु;खों का नाश करें,और अपनी कृपा सदा आप पर बनाये रहें...
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