Tuesday, June 21, 2022

उम्मीद

जब से ब्रेकअप हुआ है 

घर ज़्यादा ही साफ़ रखता हूँ 

न जाने वो कब आ जाए


वह नहीं चाहती कि

घर में चीज़ें फैली रहें

बिस्तर बना न हो

कपड़े बिखरे पड़े हो

सिंक में गंदे बर्तन हों

कहीं नमक गिरा हो

कहीं हल्दी के दाग हो

काउंटर पूरा साफ़ होना चाहिए 

क्लटर बिलकुल पसन्द नहीं 

सारी चीजें या तो अलमारी में हों

या दराज़ में

एक भी फ़ालतू चीज़ बाहर नहीं दिखनी चाहिए 


जानता हूँ 

वह बिन बुलाए 

या बिन बताए 

नहीं आएगी


लेकिन घर साफ़ रखने में 

बुराई ही क्या है 


यह सोच ही रहा था कि

उसका टेक्स्ट आ गया 

(जिसकी इस जन्म में तो कोई उम्मीद नहीं थी)

फ़ोन पर बात भी हो गई

(यह तो सात जन्म में भी सम्भव नहीं था)


बस वह नहीं कहा

जो मैं सुनना चाहता था 


उम्मीद पर दुनिया टिकी है 

और आशिक़ तो नहा-धो के बैठा है 


राहुल उपाध्याय । 21 जून 2022 । सिएटल 



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