Friday, June 17, 2022

बड़ा कर्कश है रे हमरा खेवैया

बड़ा कर्कश है रे हमरा खेवैया

पार करे ना सबकी नैया 


लूटे रे बगिया

बगिया का मोर

फूल सारे तोड़ डाले

वही चहुँ ओर

लड़ रहा ऐसे जैसे हो ततैया 


घूमे दुनिया

दुनिया के देश

इत-उत डोले, कहे

मैं हूँ नरेश

ख़ुद को ही देता, देता बधईयाँ


बातें करता

करता है मन की

जो कहें सुनो, नहीं 

सुनता है जन की

फेंकता रहता है सुर में गवईया


राहुल उपाध्याय । 17 जून 2022 । सिएटल 




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