Thursday, June 16, 2022

काँटों भरें ख़्वाब

आज की ख़बरों में हैं 

ले-ऑफ के सैलाब भी

आजकल तो आम हैं 

काँटों भरें ख़्वाब भी


काम मिले तो काम की 

होती कभी ख़ुशियाँ नहीं 

रात ढले तो रात की 

होती कभी ख़ुशियाँ नहीं 

रात हो या दिन रहें

रहते नहीं बेताब हैं 


रोइए या नाचिए 

फ़र्क कभी पड़ता नहीं

खाइए ना पीजिए 

कोई कभी पूछता नहीं 

पास हो या दूर हो

रहते वही असबाब हैं 


राहुल उपाध्याय । 16 जून 2022 । सिएटल 

https://youtu.be/wj_hQhuYsOI



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