Thursday, August 13, 2020

मैं भी जब जाऊँ

मैं भी जब जाऊँ 

मुझे ऐसे ही विदा करना

जो सच है वही कहना

झूठी प्रशंसा न करना


शिशुपाल हूँ तो 

शिशुपाल ही कहना

तिल-तिल कर मरने से तो

अच्छा है सुदर्शन से कटना


उगलोगे ज़हर

तो भला

तुम्हारा भी होगा

और मेरा भी

कि मैंने कब

कहाँ, क्या कहा

खोद कर निकालोगे 

और मुझे ज़िन्दा रखोगे 

अपने ज़हन में 

और जो नहीं जानते 

उनसे पहचान करवाओगे


एक बात बताओ

जो बात अश्लील है

उसे इतना दोहरा क्यों रहे हो?

इतना प्रचार-प्रसार क्यों कर रहे हो?

क्या सच में तुम्हें वो इतनी अच्छी लगी?

या कोई अंदर का राज़ है?


राहुल उपाध्याय । 13 अगस्त 2020 ।सिएटल


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1 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

राज की बात कह दूं तो के जमाने गये।
राज अच्छे होते हैं।