Saturday, August 22, 2020

जहाँ फ़ॉरवर्ड भी न हो

आ चल के तुझे,

मैं ले के चलूँ

इक ऐसे गगन के तले

जहाँ फ़ॉरवर्ड भी न हो

ईमोजी भी न हो

बस प्यार ही प्यार पले

इक ऐसे गगन के तले


सूरज की पहली किरण से

गुड मॉर्निंग दिमाग न खाए

चंदा की किरण से धुल कर

गुड नाइट न आते जाए

कोई पास बैठे

कोई घर आ के मिले

स्क्रीन पे न कट-पेस्ट चले


जहाँ दूर नज़र दौड़ आए

मोबाइल नज़र न आए

जहाँ रंग बिरंगे पोस्टकार्ड

आशा का संदेसा लाए

हाथों से लिखें

होंठों से चूमें

ख़त आते हो ऐसे भले


(किशोर कुमार से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 22 अगस्त 2020 । सिएटल 

https://youtu.be/nmUcafxkClA


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