ब्रेकअप भी
कितनी बुरी चीज़ है
जो पसन्द आने लगी थी
उससे होने लगती नफ़रत है
किसी को
विविध भारती से
तो किसी को
पीली साड़ी से
किसी को
देवनागरी से
तो किसी को
कविता से
हो रही अब चिढ़ है
सच
कितना भार है
मुझ पर
संस्कृति को बचाए रखने का
राहुल उपाध्याय । 16 अगस्त 2020 । सिएटल
2 comments:
वाह
वाह, अद्भुत ।एक से बढ़कर एक रचना ।
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