Tuesday, August 25, 2020

दोस्त ढूँढने चला

दोस्त ढूँढने चला 

तो वो डिक्शनरी में मिला 


न तेवर बदले

न ज़ेवर बदले

हर मौसम

पेज नम्बर 328 पर मिले


जब चाहूँ 

देख लूँ 

छू लूँ

सीने से लगा लूँ 

उसे


मैं भी वहीं कहीं था

पर पहले वो था

बाद में मैं

पेज नम्बर 549 पर


राहुल उपाध्याय । 25 अगस्त 2020 । सिएटल


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2 comments:

कविता रावत said...

सच अब तो पन्नों में ही सिमट रह गयी ही दोस्ती
बहुत सही

सुशील कुमार जोशी said...

वाह :)