Friday, August 21, 2020

ग़रीब रहा ग़रीब

कहीं पर हवन 

कहीं पर अगन 

संघर्ष जीवन का 

कितना सघन 


कहीं पर फूल 

कहीं पर शूल 

ज़िंदगी का ये 

कैसा उसूल 


कहीं पर पत्थर 

कहीं पर सर 

आज की ख़बर 

और हैं सब बे-ख़बर 


कहीं पर गणेश 

कहीं पर नरेश 

संवेदना का नहीं 

कहीं प्रवेश 


गरीब रहा गरीब 

और उधर 

दुगना पा गया 

इंजीनियर मगर


राहुल उपाध्याय । 21 अगस्त 2020 । सिएटल 


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1 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

इंजीनियर भी गरीब हुऐ हैं
कई हैं छिपे नहीं हैं :)

सुन्दर