एक मन्दिर मेरा घर बन गया
देखो, देखो सबको ख़ुश कर गया
सदियों पुराना आज काम बन गया
देखो, देखो सबको ख़ुश कर गया
मेरे प्रभु राम की है ये राजधानी
यहीं से शुरू हुई उनकी कहानी
आज मेरे होंठों पे ये गीत बन गया
झूम रहे हैं लाखों देशवासी
छा रहीं ख़ुशियाँ, मिटी है उदासी
चारों ओर राम का रंग चढ़ गया
उसी के हैं भक्त सारे, उसी के हैं बन्दे
उसको ही नमन करें, उसको ही सजदे
सबको अपना राम मिल गया
राहुल उपाध्याय । 5 अगस्त 2020 । सिएटल
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