अच्छा हुआ
त्रेतायुग और द्वापरयुग में
मोबाईल नहीं था
वरना
न रावण मरता
न कंस का संहार होता
न महाभारत होता
व्हाट्सएपी दिग्भ्रमित करते रहते
कोई भी क़दम उठाने से पहले सोचते
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय
जो मन खोजा अपना, मुझ-सा बुरा न कोय
राहुल उपाध्याय । 26 अगस्त 2020 । सिएटल
1 comments:
हा हा
Post a Comment