पूरा गीत यहाँ सुनें:
उन्नीस की ग़लती को
थोप के इंसान ने दुनिया में
तुझको किया बदनाम
इस झूठ की दुनिया को
छोड़ के जाता जा प्यारे
भूल के सब इलज़ाम
जब जानवर कोई, इंसान को मारे
कहते हैं दुनिया में, वहशी उसे सारे
इक जानवर को खा के
आज इंसानों ने किए
जीवन अपने हराम
तुझको किया बदनाम
बस आखिरी सुन ले, ये मेल है अपना
बस ख़त्म ऐ साथी, ये खेल है अपना
अब साथ में लेता जा
इस अदने शायर का
प्यार भरा सलाम
(आनन्द बक्षी से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 26 दिसम्बर 2020 । सिएटल
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