इतने सारे फ़ोटो में
तेरा-मेरा कोई फ़ोटो नहीं
तू थी तो हयात थी
तू थी तो दिन था
तू थी तो रात थी
तुझसे मिला
तो आँखों से मिला
न गले लगा
न हाथ छुआ
तू ज़हन में है
अलबम में नहीं
तू नस-नस में है
पिक्सल में नहीं
तू निरंतर है
वाई फ़ाई की मोहताज नहीं
गूगल चाहे सबको डिलीट कर दे
मुझसे तुझे कोई छीनेगा नहीं
राहुल उपाध्याय । 2 दिसम्बर 2020 । सिएटल
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सुन्दर
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