बड़े बदनसीब हैं वो
जो ता-उम्र
एक ही घर
एक ही शहर
एक ही परिवार में रहे
सारी ज़िंदगी
सिर्फ़ दाल-रोटी खाई
पेंट-शर्ट पहना
वही गाने सुने
वही किताबें पढ़ीं
एक ही भाषा सीखी
एक ही से प्यार किया
राहुल उपाध्याय । 30 दिसम्बर 2020 । सिएटल
बड़े बदनसीब हैं वो
जो ता-उम्र
एक ही घर
एक ही शहर
एक ही परिवार में रहे
सारी ज़िंदगी
सिर्फ़ दाल-रोटी खाई
पेंट-शर्ट पहना
वही गाने सुने
वही किताबें पढ़ीं
एक ही भाषा सीखी
एक ही से प्यार किया
राहुल उपाध्याय । 30 दिसम्बर 2020 । सिएटल
Posted by Rahul Upadhyaya at 3:34 PM
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1 comments:
नव वर्ष मंगलमय हो सभी को सपरिवार। सुन्दर।
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