Wednesday, December 30, 2020

बड़े बदनसीब हैं वो

बड़े बदनसीब हैं वो

जो ता-उम्र 

एक ही घर

एक ही शहर 

एक ही परिवार में रहे


सारी ज़िंदगी 

सिर्फ़ दाल-रोटी खाई

पेंट-शर्ट पहना

वही गाने सुने

वही किताबें पढ़ीं 

एक ही भाषा सीखी 


एक ही से प्यार किया


राहुल उपाध्याय । 30 दिसम्बर 2020 । सिएटल 



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1 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

नव वर्ष मंगलमय हो सभी को सपरिवार। सुन्दर।