Monday, December 21, 2020

ये क्या जगह है दोस्तो

ये क्या जगह है दोस्तो

ये कौन सा दयार है

कि कैमरे के सामने 

हो रहा उपचार है


ये किस मकाम पर हयात

मुझको लेके आ गई

न मर्ज़ी ख़ुद की है जहाँ

न कोई अधिकार है


तमाम उम्र तो हिसाब 

माँगता है लखपति

बन गया वो दानवीर 

जो मेरा गुनहगार है


बुला रहे हैं सब मुझे 

चिलमनों के उस तरफ़

बहला-फुसला के हो रहा 

मुझपे अत्याचार है


न जिसकी शकल है कोई

न जिसका नाम है कोई

आज उसे मिटाने की 

इनपे धुन सवार है


(शहरयार से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 21 दिसम्बर 2020 । सिएटल 

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