बेटे ने अपने पिता से माँगा खिलौना
पिता ने मना कर दिया
दादा ने अपने बेटे से माँगा हाथ ख़र्च
बेटे ने मना कर दिया
हम सब ग़रीब हैं
कभी दादा थे पिता
और पिता था एक बेटा
पिता भी कभी दादा होगा
बेटा भी कभी पिता होगा
बदलेगा बहुत कुछ
मगर नहीं बदलेगी ग़रीबी
पिता ने झूठ बोला
स्कूल में दाख़िले के लिए
बेटे ने झूठ बोला
वीसा लेने के लिए
माँ ने झूठ बोला
कस्टम्स से अचार निकालने के लिए
हम सब फ़रेबी हैं
बदलेगा बहुत कुछ
मगर नहीं बदलेंगे फ़रेबी
माँ ने हार चढ़ाया देवी को
नानी ने दावत दी पंडितों को
पिता ने पूंजी लगायी बेटे की पढ़ाई में बेटे ने लगाई सेविंग्स स्टॉक मार्केट में
हम सब जुआरी हैं
बदलेगा बहुत कुछ
मगर नहीं बदलेंगे जुआरी
पिता ने फैलाई झोली इंग्लैंड में
चाचा ने फैलाई झोली मिडिल ईस्ट में बेटे ने फैलाई झोली यू-एस में
हम सब भिखारी हैं
बदलेगा बहुत कुछ
मगर नहीं बदलेंगे भिखारी
दक्षिणी उजड़ा तूफ़ान में
बिहार डूबा बाढ़ में
गुजरात दबा भूकंप में
हम सब बदनसीब हैं
बदलेगा बहुत कुछ
मगर नहीं बदलेगी बदनसीबी
राहुल उपाध्याय । 2001 । सेन फ़्रांसिस्को
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सुन्दर सृजन
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