कौन कहता है कि हिन्दुस्तान में दहशत की हवा फैली है
ये हक़ीक़त तो व्हाट्सएप पे बयां होती है
होता कुछ और है
और बयां कुछ और किया जाता है
बात हिजाब की होती है
और हवाला अफ़ग़ानिस्तान का दिया जाता है
बात होती है प्रवासी मज़दूरों के दुख-दर्द की
और ठीकरा केजरीवाल के सर फोड़ा जाता है
बात होती है बेरोज़गारी की
और काशी विश्वनाथ के जीर्णोद्धार का हवाला दिया जाता है
बात होती है साफ़ पानी की
और अस्मिता को बचाने का पर्चा बाँट दिया जाता है
बात होती है शिक्षा में सुधार की
और लाखों नौकरियों का जुमला छोड़ दिया जाता है
बात होती है स्वास्थ्य उद्योग में भ्रष्टाचार की
और डी-आर-डी-ओ की जादुई गोली का नाटक किया जाता है
कौन कहता है कि हिन्दुस्तान में दहशत की हवा फैली है
ये हक़ीक़त तो व्हाट्सएप पे बयां होती है
राहुल उपाध्याय । 13 फ़रवरी 2022 । सिएटल
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वाह
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