जो वादा किया वो करना पड़ेगा
रोके ज़माना चाहे रोके खुदाई
हमको लड़ना पड़ेगा
तरसती निगाहों ने आवाज़ दी है
मुल्क के नेताओं ने आवाज़ दी है
क्या है भला, क्या है बुरा
हम क्यों ये सोचें,
हमको लड़ना पड़ेगा
ये माना हमें जाँ से जाना पड़ेगा
पर ये समझ लो तुमने जब भी पुकारा
हमको लड़ना पड़ेगा
हम अपनी वफ़ा पे ना इलज़ाम लेंगे
हमने जान भी ली, हम जाँ भी देंगे
जब फर्ज ये मान लिया
फिर क्या घबराना
हमको लड़ना पड़ेगा
चमकते हैं जब तक ये चाँद और तारे
न टूटेंगे अब एहद-ओ-पैमां हमारे
एक नेता जब दे सदा
होके दीवाना
हमको लड़ना पड़ेगा
(साहिर से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 24 फ़रवरी 2022 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment