*को* ई न बचा
*वि* श्व के किसी भी कोने में
*ड* गमगाई न जिसकी कश्ती
*म* हामारी के इस चपेटे में
*हा* नि हुई
*मा* तम छाया
*री* त बन गई एक और टीका लगवाने की
राहुल उपाध्याय । 2 फ़रवरी 2022 । सिएटल
*को* ई न बचा
*वि* श्व के किसी भी कोने में
*ड* गमगाई न जिसकी कश्ती
*म* हामारी के इस चपेटे में
*हा* नि हुई
*मा* तम छाया
*री* त बन गई एक और टीका लगवाने की
राहुल उपाध्याय । 2 फ़रवरी 2022 । सिएटल
Posted by Rahul Upadhyaya at 10:49 PM
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1 comments:
बहुत ख़ूब कोविड महामारी 👌👌
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