चले भी आओ के तुमको
कभी ना हम दगा देंगे
पराया कौन है और कौन
अपना सब भुला देंगे
फड़कती आँख हो कोई
या जाए टूट इक तारा
हमारा कुछ न बिगड़ेगा
हमें सब ही मिला देंगे
करें हम प्यार की बातें
खिलें अब चाँदनी रातें
घटाएँ घिर भी आईं तो
उन्हें काजल बना देंगे
सहारा तुम नहीं तो कौन
किनारा तुम नहीं तो कौन
भटक भी जाए जो कश्ती
किनारे हम लगा देंगे
राहुल उपाध्याय । 17 फ़रवरी 2022 । सिएटल
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